Vaastu Vigyan Volume I | Page 29

7. जहर उतारने के लिए -

नाम प्रभाउ जान सिव नीको। कालकूट फलु दीन्ह अमी को।।

8. नजर उतारने के लिए -

स्याम गौर सुंदर दोउ जोरी। निरखहिं छबि जननीं तृन तोरी।।

9. हनुमानजी की कृपा के लिए -

सुमिरि पवनसुत पावन नामू। अपनें बस करि राखे रामू।।

10. यज्ञोपवीत पहनने व उसकी पवित्रता के लिए -

जुगुति बेधि पुनि पोहिअहिं रामचरित बर ताग।

पहिरहिं सज्जन बिमल उर सोभा अति अनुराग।।