Vaastu Vigyan Volume I | Page 23

अंक ज्योतिष और आप

न्म होते ही हमारे साथ कुछ अंक जुड़ जाते हैं। जैसे कि जन्म तिथि का अंक, जन्म समय की होरा व जन्म स्थान आदि। इन सब के आधार पर ज्योतिष व अंक ज्योतिष की गणनायें की जा सकती है। अंक ज्योतिष एक महत्वपूर्ण विद्या है, जिसके द्वारा अंकों के माध्यम से व्यक्ति के विषय एवं उसके भविष्य को जानने का प्रयास किया जाता है. अंक ज्योतिष में अंकों के माध्यम द्वारा गणित के नियमों का व्यवहारिक उपयोग करके मनुष्य के विभिन्न पक्षों, उसकी विचारधारा , जीवन के विषय इत्यादि का विशद विवरण प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाता है. अंक ज्योतिष को अंक विद्या या अंक शास्त्र और संख्या शास्त्र इत्यादि के नाम से भी जाना जाता है. अंक शास्त्र में नौ ग्रहों सूर्य, चन्द्र, गुरू, यूरेनस, बुध, शुक्र, वरूण, शनि और मंगल को आधार बनाकर उनकी विशेषताओं के आधार पर गणना की जाती है.

अंकशास्त्र में जन्म के समय की जानकारी न भी हो तब भी जन्म तारीख व नाम के आधार पर ही व्यक्ति के व्यवसाय, मित्रों, भागीदारों, उसके जीवने के उतार-चढावों तथा उसके जीवन के महत्वपूर्ण समय के लाभ व हानि संबंधी बहुत सी बातें अंकशास्त्र की सहायता द्वारा जानी जा सकती हैं.जिस प्रकार से आप स्वयं के बारे में अंक ज्योतिष द्वारा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, उसी प्रकर आप यह भी समझ सकते हैं कि आप अन्य लोगों से किस तरह संबंधित हैं।