Jankriti International Magazine Jankriti Issue 27-29, july-spetember 2017 | Page 8

Jankriti International Magazine/ जनकृसत अंतरराष्ट्रीय पसिका  सरकार की गैर बराबरी बढ़ाने वाली मशक्षा नीमतः अतीत से वतामान तक- एकता [शोध आलेख]  मशक्षा, स म ं वधान एवं पाठ्यक्रम : एक प न ु मवाचार- अधेंदु [शोध आलेख]  21 वी शताब्दी में मह द ं ी सामहत्य मशक्षि: मनीर्ष खारी [शोध आलेख] ISSN: 2454-2725  ‘दौड़’ उपन्यास में बाजारवाद: अमनता यादव  त्यागपत्र उपन्यास में अमभव्यक्त व्यमक्त और समाज के सहसम्बन्ध: कल्पना मसंह राठौर  परश र ु ाम की प्रतीक्षा: चीनी आक्रमि स उपजा क्षोभ- डॉ. गीता कमपल  श्रीलाल श क् ु ल के उपन्यास ‘रागदरबारी’ का सामामजक अध्ययन: डॉ. कमल कृ ष्ट्ि िमिामसयक सिषय/ Current Affairs  भारत में आपदा प्रबंधन का संस्थागत एव प्रशासमनक ढा च ं ा: लमलत यादव [लेख]  मकन्नर समाज: सम्मान की दरकार- व द ं ना शमाा [शोध आलेख]  हमथयारों के कारोबार के बाद मानव तस्करी मवश्व भर में तीसरा सबसे बड़ा संगमठत अपराध है।: अनीता ममश्रा 'मसमद्ध’ [लेख]  रामवृक्ष बेनीप र ु ी की रचनाओ ं में भारतीय स स् ं कृ मत की झलक: मववेक कुमार  ‘कुछ भी तो रूमानी नहीं’ कहानी स ग्र ं ह म स्त्री पात्रों के जीवन का उभरता सच: कुलदीप  मीरा और समाज : एक प न ु म ाल् ू या क न- डॉ. सोमाभाई पटेल  ‘अमननगभा ’ उपन्यास और नक्सलवादी िोध आलेख / Research Article  राममवलास शमाा और नामवर मसंह की आलोचना ्टमसे का त ल नात्मक अध्ययन: अमृत कुमार  ‘रागदरबारी’ और ‘नागपवा’ उपन्यासों का मवचारधारा: मोमहनी पाण्डेय  प्रेमचंद-सामहत् य में मानवेत् तर चेतना: डॉ. मीनाक्षी जयप्रकाश मसंह  पहर दोपहर : मफ़ल्मी द म ु नया का यथाथा: स्वामत चौधरी त ल नात्मक अध्ययन: राजमनमतक एव सामामजक पररप्रेक्ष्य में- म द ु मस्सर अहमद भट्ट Vol. 3 , issue 27-29, July-September 2017. वर्ष 3, अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017