Jankriti International Magazine Jankriti Issue 27-29, july-spetember 2017 | Page 78

Jankriti International Magazine/ जनकृसत अंतरराष्ट्रीय पसिका ISSN: 2454-2725 अमधक है। परफोममिंग आट्ास में यह बात ५० % सच है तो सबसे कम औसत अथाात के वल ११.११ % मवज्ञान शाखा का है। यह भी अन म ु ान था मक कला संकाय के लोग पररकल्पनाएँ मलख नहीं पाते। न जाननेवालों में इसी शाखा के लोगों का औसत अमधक होगा। पर शोध काया के अ त ं में यह पता चला मक ८५.७२ % लोग इस प्रमवमध से पररमचत हैं। साथ ही यह कहना आवश्यक है मक शोधकाया के उद्देश्य स ये शोधकताा भली-भाँती पररमचत हैं तथा मनष्ट्कर्षा भी स्पसे रूप से मलख रहे हैं। अन स ु ंधान कताा को शोध क नए – नए मवर्षयों की ओर बढना चामहए। खासकर इन सभी शोध प्रबंधों में एक भी प्रबंध अ त ं र अनुशासनीय नहीं है। वतामान समय में अ त ं र अनुशासनीय शोधकायों की ओर बढना अन स ु ध ं ान कताा का दामयत्व है। शोधमनदेशक को इस प्रकार के शोध कायों की पहल करनी चामहए। िन्द्दभक ग्रंथ िूची १. शोध प्रमवमध – डॉ. मवनयमोहन शमाा, नेशनल पमब्लमश ग ं हाउस , नयी मदल्ली ११०००२, संस्करि १९८० - पृ. ३५. २. नवीन शोध मवज्ञानं – डॉ. मतलक मस ह ं , प्रकाशन संस्थान, वसू -२२ नवीन शहादरा, मदल्ली – ११००३२, प्रथम संस्करि १९८२ - पृ. स ख् ं या १५५ ३. प्रश्नावली ४. प्रश्नावली ५. प्रश्नावली शोध कता डॉ. रमा प्रकाश नवल डॉ. प्रेरिा पाण्डेय डॉ. म ज ं ु प र ु ी Vol. 3 , issue 27-29, July-September 2017. वर्ष 3, अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017