Jankriti International Magazine Jankriti Issue 27-29, july-spetember 2017 | Page 76

Jankriti International Magazine / जनकृ सत अंतरराष्ट्रीय पसिका ISSN : 2454-2725
उपाय :
पररकल्पनाओं का उल्लेख न करनेवाले शोधामथायों का औसत मनम्न रूप से देखा जा सकता है- कला संकाय – १४ . २८ % वािीज्य संकाय – ३३ . ३३ % मवज्ञान संकाय -११ . ११ % परफोममिंग आट्ास – ५० % इसे ग्राफ क्रमांक ३ द्वारा अमधक स्पसे रूप से समझा जा सकता है ।
१ . अनुसंधान प्रमवमध में पररकल्पना का स्वरूप अमधक प्रभावपूिा पद्धमत से समझाया जाए ।
२ . शोध मनदेशक अपने शोधामथायों को पररकल्पनाएँ मलखने के मलए मनदेमशत करे ।
३ . शोधाथी की पररकल्पनाएँ मनमित हुए मबना उसे शोधकाया में आगे ना बढाएं । तामक शोधाथी की शोध के प्रमत गंभीरता बढ़ेगी एवं रुमचकर मवर्षय की ओर वह प्रवृत्त होगा ।
उद्देश्य एिं सनष्ट्कषक : एक अिलोकन
इसका परीक्षि कर मनष्ट्कर्षा प्रस्तुत मकए जा रहे हैं । यहाँ अन्न का परीक्षि कर मनुष्ट्य स्वास्थ्य को बचाना शोध का उदेश्य है । वामिज्य के क्षेत्र में भी इसी प्रकार मकसी नए तथ्य की ओर अनुसंधानकताा संके त करता है । सामहत्य भले ही नया आमवष्ट्कार न करता हो पर सामहत्य अध्ययन का नया आयाम , नई ्टमसे , नया मवचार वह जरुर प्रस्तुत करता है । शोध कत ा पहले से ही मनमित लक्ष्य लेकर चलता है । अनुसंधान राष्ट्रीय कायों में उपयोगी होता है , देश की योजनाओं को मदशा देता है तथा समाज की पुनराचना करने में सहायक होता है ।
उपयु ाक्त उन्मुखी कायाक्राम में समम्ममलत करीब करीब सभी प्रमतभामगयों ने अपने शोध के उदेश्य स्पसे रूप से मदए हैं तथा मनष्ट्कर्षा भी प्रस्तुत मकए हैं । इन शोध कायों के मवर्षय जल , अन्न , जैव मवमवधता , नैनो पामटाकल , ड्रनस , इमन्डयन स्टॉक माके ट , मनजीकरि , आमथाक मवकास , मवमशसे भूभाग का भौगोमलक , अध्ययन , के मेस्री के कई मवर्षय , सामहत्य में स्त्री , दमलत , संगीत में वादन शैमलयाँ , आधुमनकता बोध , युगबोध , संगीत का प्रभाव , वाद्य एवं राष्ट्रीयता , पुराि एवं गीता में आचरिीय मूल्य आमद हैं । जैसे एक प्रमतभागी का लक्ष्य कावेरी के जल की शुद्धता-अशुद्धता का अध्ययन करना है । अध्ययनोपरांत उन्होंने पाया मक कावेरी के जल में अशुमद्धयाँ हैं । एक प्रमतभागी ने खममर जमनत अन्न का परीक्षि कर यह मसद्ध मकया मक खमीर करके पकाया गया खाद्य स्वास्थ्य के मलए अच्छा और सुपाच्य है । एक प्रमतभागी ने उतरांचल राज्य के गठन के पूवा तथा बाद की मस्थमतयों का अध्ययन कर यह मनष्ट्कर्षा रूप में पाया की उत्तरांचल राज्य के गठन के बाद राज्य एवं मंडल के आमथाक मवकास में गमत आयी है । सामहत्य के क्षेत्र की अध्ययन कताा ने लेखक की आधुमनक एवं वैज्ञामनक ्टमसे मकस तरह मानवीय मूल्यों की प्रमतष्ठा
शोध काया मनमित उद्देश्य से मकया जाता है । मवज्ञान के क्षेत्र में नया आमवष्ट्कार या मकसी समस्या का समाधान करना शोध है । । जैसे इसी उन्मुखी कायाक्रम के अंतगात मवमवध होटलों में जो खाना परोसा जा रहा है उसके नमूने संग्रमहत कर इस अन्न में मकतनी मात्रा में जीवािु है तथा यह अन्न मनुष्ट्य के स्वास्थ्य के मलए हामनकारक हैं क्या ? में सहायक है इसे स्पसे मकया । मवश्व की आधी Vol . 3 , issue 27-29 , July-September 2017 . वर्ष 3 , अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017