Jankriti International Magazine Jankriti Issue 27-29, july-spetember 2017 | Page 69

Jankriti International Magazine/ जनकृसत अंतरराष्ट्रीय पसिका टपके लह आसमानी गोद स हैरान आँखे ।। ISSN: 2454-2725 रक्षा बन्धन हो स्नेह का च द ं न म ग ं लकारी आनन्द्द बाला िमा मैं और त म ु नदी के दो मकनार नतीजा श न् ू य पता न चला कर मलया मकनारा बातों बातों म कृ ष्ट्ि कन्हैया बजाओ रिभेरी करो न देरी बादल छाए कहाँ ग म ु हो गए चाँद मसतार भीगा भीगा सा भीतर का मौसम बाहर श ष्ट् ु क फटे बादल बाररश घनघोर हाल बेहाल मत लजाओ लज्जा की बात पर आय ध ु बनो दोस्त हजार आभासी द म ु नया म मबकाऊ प्यार आग ही आग छोटी सी मचंगारी स जीवन खाक पराया धन पराया होकर भी रहा पराया सबसे न्यारी जन जन को प्यारी महन्दी हमारी मजयो आजाद आजाद भारत म मरो आजाद मेरे जख्मों को भर मदया त म ु न अनजाने म मपसे मजतना मेह द ं ी का रंग ह चढ़े उतना Vol. 3 , issue 27-29, July-September 2017. वर्ष 3, अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017