Jankriti International Magazine Jankriti Issue 27-29, july-spetember 2017 | Page 65

Jankriti International Magazine / जनकृ सत अंतरराष्ट्रीय पसिका ISSN : 2454-2725
मबहार ही नहीं पूरे देश में जब कम्युमनसे आन्दोलन कमजोर पड़ रहा था । सांप्रदामयक ताकतों ने जहर उगलना शुरू कर मदया था और सरकारें कॉपोरेट घरानों के तलवे चाट रही थी । ऐसे समय में बद्री बाबू 18 मसतम्बर , 2004 में पाटी की मबहार राज्य पररर्षद के समचव मनवाामचत हुए और 7 जून , 2012 तक इस हैमसयत से पाटी का नेतृत्व मकया । मबहार के पाटी कामरेड्स में बद्री बाबू के राज्य समचव बनने से उत्साह की लहर दौड़ गई । पाटी हर मजले में मफर से मजबूत होने लगी । राज्य समचव रहते हुए बद्री बाबू ने के न्द्रीय पाटी नेतृत्व को पाटी का 21 वाँ राष्ट्रीय महामधवेर्षन पटना में करने का भरोसा मदलाया । उस समय सभी सामथयों को ऐसा लगा मानो उनका यह कदम दुस्साहस से भरा है । लेमकन बद्री बाबू फौलादी इरादों वाले नेतृत्वकताा थे । उन्होंने एक करोड़ रुपये पाटी फं ड में जुटाने का कॉल मदया । राज्य भर के सभी साथी लगन से इस लक्ष्य को पूरा करने में जुट गए । आमखरकार पाटी फं ड से उम्मीद से कहीं ज्यादा चन्दा इकठ्ठा हो गया । 27 से 31 माचा 2012 में जब भारतीय कम्युमनसे पाटी का 21 वाँ राष्ट्रीय महामधवेशन पटना में हुआ , तब देश भर के प्रमतमनमधयों ने मबहार की पाटी का लोहा मान मलया । इसी महामधवेशन में पाटी के नये कायाक्रम का मसमवदा पेश हुआ जो 2015 के पुडुचेरी महामधवेशन में स्वीकृ त हुआ और आज पाटी के मक्रयाकलापों व नीमतयों की मागादमर्षाका है । अपने कायाकाल में बद्री बाबू ने पाटी के बकाया भारी मबजली मबलों का भुगतान , पाटी के जनशमक्त अखबार के पुनप्राकाशन और मबहार सरकार से बात करके जनशमक्त के भूमम आबंटन की लीज का नवीनीकरि जैसे महत्वपूिा कामों को अंजाम देकर पाटी को अभूतपूवा मजबूती प्रदान मकया । अपनी मृत्यु के समय वे पाटी की राज्य कायाकाररिी के सदस्य थे ।
मस्थत सीसीएल के अस्पताल में भती करवाया गया , स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर दो बार रांची के मेदंता अस्पताल में भती रखा गया । यहाँ भी मस्थमत में सुधार न देखकर उन्हें 21 अप्रैल को वेल्लौर मस्थत सीएमसी हॉमस्पटल ले जाया गया , जहाँ इलाज के दौरान 21 मई को उन्होंने आमखरी साँस ली ।
पाटी से बढ़कर बद्री बाबू के जीवन में कु छ और था ही नहीं । बद्री बाबू सबके मप्रय साथी थे । मबहार- झारखण्ड के लोग उन्हें “ बद्री दा ” कहकर पुकारते थे । वे सबको एक ही नजर से देखते थे । उनके मलए कोई पराया नहीं था । सबको अपना बना लेने की जादुई क्षमता थी बद्री बाबू में । आज के समय में बद्री बाबू जैसा दूसरा नेता हो पाना असंभव है । उनके चले जाने से मबहार-झारखंड के ममााहत पाटी सदस्यों को अच्छी तरह मालूम है मक मजदूर वगा , मेहनकश अवाम , समस्त दममत , उत्पीमड़त मानवता के मलए बद्री दा का जाना एक अपूरिीय क्षमत है । 23 मई 2017 को उनके पामथाव शरीर को वेल्लौर से उनके मनवास स्थान रामगढ़ ( झारखण्ड ) लाया गया । कॉमरेड बद्री नारायि लाल को लाल सलाम और बद्री दा तेरे अरमानों को मंमजल तक पहुँचाएँगे , आसमान में गू ंजते इन्हीं नारों के साथ लाल झंडे के इस मसपाही को उनके घर गीता सदन से लाल झंडे में लपेट कर दामोदर मकनारे बने श्मशान घाट तक ले जाया गया । बद्री नारायि लाल जैसे साथी और नेता बार-बार पैदा नहीं होते हैं । ऐसे मबरले कॉमरेड के अरमानों को मंमजल तक पहुंचाने का संकल्प मसफा बद्री बाबू को याद करने की सालाना रस्मअदायगी से पूरा नहीं हो पाएगा , बमल्क कम्युमनसे मूल्यों को आत्मसात कर समाजवाद की सच्ची लडाई को बुलंद करके ही बद्री दा के सपनों को पूरा मकया जा सकता है । यही बद्री बाबू को सच्ची श्रद्धांजमल होगी ।
मपछले 17 माचा को खगमड़या में पाटी संगठन के
सम्मेलन के दौरान बद्री बाबू को तेज बुखार आया ,
मृत्यू के बीस मदन पूवा एक मई को जब उन्हें बताया
मजससे वे 21 मई को अपनी जीवन के आमखरी क्षि
गया मक आज मजदूर मदवस है , तब वे वे गहन
तक पीमड़त रहे । उन्हें इलाज के मलए पहले रामगढ़
मचमकत्सा कक्ष में जीवट लड़ाके की तरह वे मौत को
Vol . 3 , issue 27-29 , July-September 2017 .
वर्ष 3 , अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017