Jankriti International Magazine Jankriti Issue 27-29, july-spetember 2017 | Page 421

Jankriti International Magazine/ जनकृसत अंतरराष्ट्रीय पसिका कायाक्षेत्र- सामहत्य उन्हें मवरासत में भी ममला और मफर जीवन साथी के साथ भी सामहत्य, संप्रेर्षि ज ड़ ु े रहे। उनके मपता ज़मींदार थे और माँ , स म ु मत्रा कुमारी मसन्हा जानी-मानी कवमयत्री, लेमखका और गीतकार थीं। तीसरा सप्तक’ (1960) के संपादक अज्ञेय ने 60 के दशक में प्रयाग नारायि मत्रपाठी, के दारनाथ मसंह , क ँ ु वर नारायि, मवजयदेव नारायि साही, सवेश्वर दयाल सक्सेना और मदन वात्स्यायन जैस सामहत्यकारों के साथ कीमता चौधरी को भी तीसरा सप्तक का महस्सा बनाया। मनधन- १३ ज न ू २००८ को लंदन में उनका देहांत हो गया। ६) गोमवन्द शमाा ल द ं न मे बसे भारतीय म ल के मह द ं ी लेखक है। श्री गोमवन्द शमाा को हाल ही में ल द ं न क हाउस ऑफ़ लाडास में उनकी मफ़ल्मी पटकथा पर मलखी गई प स् ु तक के मलये पद्मान द ं सामहत्य सम्मान 2006 से सम्मामनत मकया गया। गोमवन्द शमाा ने महन्दी मफ़ल्मों पर मलखे अपने लेखों को सामहत्यक स्तर प्रदान करने का भरप र ू एवं सफल प्रयास मकया है। उनका मानना है मक बॉलीव ड ु का पटकथा लेखन हॉलीव ड ु से एकदम मभन्न है। ७) ज़मकया ज़ ब ु ैरी (१ अप्रैल १९४२) मिटेन की प्रवासी महन्दी लेमखका और राजनमयक हैं। उन्होंने भारत एव पामकस्तान की अनेक सामहमत्यक एवं सांस्कृ मतक संस्थाओ ं के मवकास का काम मकया है। उनका जन्म लखनऊ में हुआ और बचपन आज़मगढ़ में बीता। Vol. 3 , issue 27-29, July-September 2017. ISSN: 2454-2725 प्रारंमभक मशक्षा आज़मगढ़ की सरकारी कन्या पाठशाला में हुई। सातवीं कक्षा के बाद इलाहाबाद क सरकारी स्कूल में पढ़ाई हुई। इ ट ं रमीमडयेट में अपन महामवद्यालय की य म ू नयन की अध्यक्ष बनीं और बनारस मह द ं ू मवश्वमवद्यालय से स्नातक की मडग्री प्राप्त की। उन्हें बचपन से ही मचत्रकला एवं कमवता व कहानी मलखने का शौक रहा है। वे लंदन में एमशयन कम्य म ू नटी आट्ास नाम की संस्था की अध्यक्षा ह मजसके द्वारा वे नृत्य, संगीत, गीत एवं लेखन क्षेत्र म बहुत से नये नताकों, गायकों, एवं लेखकों को लंदन म म च ं प्रदान कर च क ी हैं। वे भारत एवं पामकस्तान स लंदन आने वाली सामहमत्यक एवं सांस्कृ मतक हमस्तयों के सम्मान में समारोह आयोमजत और कथा य ॰ ू के ॰ के साथ ममल कर अनेक कायाक्रमों का आयोजन भी करती हैं। वे मिटेन की लेबर पाटी के समक्रय सदस्या हैं। लेबर पाटी के मटकट पर आप दो बार च न ु ाव जीत कर काउंसलर मनवाामचत हो च क ी हैं। वतामान में वे ल द ं न के बारनेट स स ं दीय क्षेत्र के कॉमल ड ं ेल वाडा की पहली और एकमात्र म म ु स्लम ममहला काउंसलर हैं। ८) डॉ॰ कृ ष्ट्ि कुमार बममिंघम मे बसे भारतीय म ल के मह द ं ी लेखक है। में डॉ॰ कृ ष्ट्ि कुमार एक लम्बे असे स भारतीय भार्षाओ ं की ज्योमत `गीता ज ं मल बहुभार्षी समाज' के माध्यम से जगाये हुए हैं। गीता ज ं मल मिटेन की एकमात्र ऐसी संस्था है जो भारत की तमाम भार्षाओ ं को साथ लेकर चलने का प्रयास करती है। डॉ॰ कुमार 1999 के मवश्व महन्दी सम्मेलन, लंदन क अध्यक्ष भी थे। डॉ॰ कुमार की कमवताएं गहराई और अथा का संगीतमय ममश्रि होती हैं। मवचार उनकी कमवताओ ं पर हावी रहता है। उन्हें एक अथा में यमद वर्ष 3, अंक 27-29 जुलाई-सित ब ं र 2017