Jankriti International Magazine Jankriti Issue 27-29, july-spetember 2017 | Page 402

Jankriti International Magazine / जनकृ सत अंतरराष्ट्रीय पसिका ISSN : 2454-2725
भार्षा बनाने का प्रयास करे अमपतु आज ऐसे कई स्वाथी तत्व जो महंदी को तोड़ने में लगे हैं उनसे महंदी की रक्षा भी करे । आज कमतपय तत्त्व महंदी की बोमलयों को संमवधान की आठवीं अनुसूची में शाममल करवा कर महंदी के संयुक्त पररवार को तहस- नहस करना चाहते हैं । ऐसा करने से न के वल महंदी मबखर जाएगी अमपतु जो महंदी , राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बनाए रखने तथा राष्ट्रीय और वैमश्वक स्तर पर संवाद कायम करने का सबसे सशक्त माध्यम है वह भी खतरे में पड़ जाएगा अतः आज महंद और महंदी दोने के अखंडता की रक्षा करना हमारा सबसे बड़ा दामयत्व है ।
२०- डॉ . प्रमोद पाण्डेय : आपका मवद्यामथायों के प्रमत हमेशा आत्मीय व्यवहार रहा है । अतः मवद्यामथायों के उज्ज्वल भमवष्ट्य के मलए क्या कहना चाहेंगे ? डॉ . करुणािंकर उपाध्याय : मैं सदैव अपने सभी
मवद्यामथायों के उज्ज्वल भमवष्ट्य की कामना करता आया हूँ और पुनः सभी मवद्यामथायों के प्रमत इस साक्षात्कार के माध्यम से अपनी शुभकामनाएं प्रेमर्षत करता हूँ । मैं चाहता हूँ मक मेरे पढ़ाए हुए छात्र जीवन और कै ररयर के तमाम क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करते हुए यश की प्रामप्त करें तामक उनकी उपलमब्धयों से हमारा भी नाम चतुमदाक ख्यामत प्राप्त करे । इन्हीं शुभकामनाओं के साथ ।
भी इनके मन में मकसी प्रकार की ईष्ट्य ा , द्वेर्ष व अहंकार नहीं है । ‘ सादा जीवन , उच्च मवचार ’ रखने वाले डॉ . करुिाशंकर उपाध्याय ने हमेशा मवद्यामथायों के प्रमत आत्मीय एवं ममत्रवत व्यवहार रखते हुए उन्हें उमचत मागादशान प्रदान मकया है । इस साक्षात्कार से मनमित ही भावी सामहमत्यक पीढ़ी एवं मवद्याथी न मसफा लाभामन्वत होंगे अमपतु उनकी मवद्वत्ता का भी अनुसरि करेंगे । ऐसे ख्यामतप्राप्त आलोचक , सामहत्यकार , मवद्वान तथा मु ंबई मवश्वमवद्यालय के पूवा महंदी मवभागाध्यक्ष एवं वतामान महंदी प्राध्यापक गुरुवर डॉ . करुिाशंकर उपाध्याय की महानता व उनकी मवद्वत्ता के प्रमत मैं नतमस्तक हूँ ।
डॉ . करुणािंकर उपाध्याय की कु छ प्रकासित पुस्तकें
कहना ना होगा मक बहुमुखी प्रमतभा के धनी डॉ . करुिाशंकर उपाध्याय सामहमत्यक क्षेत्र के मवमवध सोपानों को पार करते हुए उच्च मशखर पर पहुँचे हैं । मवद्यामथायों के प्रमत उनका आत्मीय व्यवहार रहा है । पठन-पाठन में रुमच रखने वाले तथा हँसमुख एवं मचंतनशील स्वभाव वाले डॉ . करुिाशंकर उपाध्याय महंदी सामहत्य को नई मदशा प्रदान करने के साथ-साथ महंदी भार्षा को नया आयाम मदलाने के मलए प्रयत्नशील हैं । इतनी प्रमतष्ठा एवं ख्यामत के बावजूद
डॉ . प्रमोद पाण्डेय ( सहा . महंदी प्राध्यापक तथा कायाकाररिी सदस्य- मु ंबई प्रांतीय राष्ट्रभार्षा प्रचार सभा , मु ंबई )
Vol . 3 , issue 27-29 , July-September 2017 . वर्ष 3 , अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017