Jankriti International Magazine/ जनकृसत अंतरराष्ट्रीय पसिका
12-स त ं नारायि उपाध्याय, दादू दयाल (प व ू ोक्त), पृ०
74
13-महन्दी मवश्वकोश (भाग-10), सम्पा० नगेन्द्रनाथ
वसु (मदल्ली: बी० आर० पमब्ल० कौरपरे शन्ज़,
1986), पृ० 340
ISSN: 2454-2725
पृ ० ा़ 12
27-परश र ु ाम
चत व ु द े ी, उत्तरी भारत की संत परम्परा (प व ू ोक्त), पृ०
661
28-मवष्ट्ि द ु त्त राके श, उत्तर भारत के मनग ि ा ु पंथ
सामहत्य का इमतहास (प व ू ोक्त) पृ० 175-176
14-भगवती प्रसाद श क् ु ल, बावरी पंथ के महन्दी कमव
(नई मदल्ली: आया ब क
मडपो, 1972), पृ० 58, 60 29-गरीबदास की बानी, (प्रयाग : बेलवेमडयर मप्र०
वक्र्स, 1985), भ म ू मका पृ० 1
15-वही, पृ० 54 30-परश र ु ाम चत व ु द े ी, उत्तरी भारत की संत परम्परा
(प व ू ोक्त),
पृ०
733
31-मवष्ट्ि द ु त्त राके श, उत्तर भारत के मनग ि ा ु पंथ
सामहत्य का इमतहास (प व ू ोक्त) पृ० 211, 212
16-कबीर ग्रंथावली (सम्पा०) श्याम स न् ु दर दास
(काशी: नागरी प्रचाररिी सभा, 1928) भ म ू मका, पृ ० ा़
2
17-परश र ु ाम चत व ु द े ी, उत्तरी भारत की संत परम्परा
(प व ू ोक्त), पृ० 571
18-वही, पृ० 576, 577
19-वही, पृ० 638, 612
20-मवष्ट्ि द ु त्त राके श, उत्तर भारत के मनग ि ा ु प थ ं
सामहत्य का इमतहास (प व ू ोक्त) पृ० 189
21-वही, पृ० 194
22-मत्रलोकीनारायि दीमक्षत, महन्दी सन्त सामहत्य,
(प व ू ोक्त), पृ० 73
23-मशवश क
रपाण्डेय , रामस्नेही सम्प्रदाय की
दाशामनक पृष्ठभ म ू म, (मदल्ली: रामस्नेही सामहत्य शोध
स स् ं थान, 1976), पृ० 28, 34, 38
24-वही,
पृ ० ा़
41
25-मशवश क
र पाण्डेय , रामस्नेही सम्प्रदाय की
दाशामनक पृष्ठभ म ू म, (प व ू ोक्त), पृ० 87, 92
26-स त ं दररया साहब (मबहार वाले) (सम्पा०)
काशीनाथ उपाध्याय (पंजाब: राधास्वामी सत्संग ),
Vol. 3 , issue 27-29, July-September 2017.
32-वही, पृ० 190
33-परश र ु ाम चत व ु द े ी, उत्तरी भारत की संत परम्परा
(प व ू ोक्त), पृ० 632, 633
34-शम्भ न ु ारायि ममश्र, चरनदासी सन्त ज ग ु तानंद
और उनका काव्य (मदल्ली: राधा पमब्लके शन्स,
1990), पृ० 2
35-
शम्भ न ु ारायि ममश्र, चरनदासी सन्त ज ग ु तान द ं और
उनका काव्य (प व ू ोक्त), पृ० 7
36-वही, पृ० 24
37-गोमवन्द मत्रग न ु ायत, महन्दी की मनग ि ा ु काव्यधारा
और दाशामनक पृष्ठभ म ू म (कानप र ू : सामहत्य मनके तन),
पृ० 345
38-सत्यनारायि
ममश्र, त ल
सीदास मनरंजनी: सामहत्य और मसधान्त
(कानप र ु : सामहत्य मनके तन, 1974), पृ० 9
39-वही, पृ० 22 से 32
40-रामचन्द्र मतवारी, मशवनारायिी सम्प्रदाय और
उसका सामहत्य (वारािसी: मवश्वमवद्यालय प्रकाशन,
वर्ष 3, अंक 27-29 जुलाई-सित ब ं र 2017