Jankriti International Magazine Jankriti Issue 27-29, july-spetember 2017 | Page 312

Jankriti International Magazine / जनकृ सत अंतरराष्ट्रीय पसिका ISSN : 2454-2725
प्रयास करे । दूसरी तरफ कमव धूममल भार्षा को मबम्ब या उपमान की तरह उभारने की चेसेा कई स्थानों पर करते हैं । यह देखा गया है मक धूममल की कमवताओं में शब्दों का कोशीय अथा उतना महत्वपूिा नहीं होता मजतना उसका सामामजक अथा महत्वपूिा होता है । जैसे- ‘ धूममल की भार्षा गँवार औरत की भार्षा है जो गुस्से में आकर गामलयों का मुहावरा बनने लगती हैं ।’ उनकी भार्षा हर मस्थमत में संलाप करती है । उन्होंने भार्षा के आम बोलचाल रूप को अपनी कमवताओं के द्वारा मदखाया है , उनकी एक व्यंनयात्मक कमवता द्रसेव्य है- “ अपने यहाँ संसद / तेली की वह घानी है / मजसमें आधा तेल है / और आधा पानी है ।” 33 इस तरह हम देखते हैं मक , धूममल भार्षाई जादूगर हैं । उनके मदमाग में जो मबम्ब उभरता है उसका प्रयोग वे बेमहचक करते हैं । व्यंनय करने की कला उनके काव्य में साफ मदखता है । शब्दों के चयन और सम्वेदनाओं के प्रमतकू ल भार्षा गढ़ने में वे मामहर हैं । वे भार्षा के आमभजात्य व्याकरि को तोड़ते नजर आते हैं । यही उनकी भार्षाई मवशेर्षताएँ हैं ।
मनष्ट्कर्षा के रूप में यह कह सकते हैं मक , महंदी-सामहत्य की साठोत्तरी कमवता में धूममल मजनका पूरा नाम सुदामा पाण्डेय ‘ धूममल ’ है , अपना प्रमुख स्थान रखते हैं । धूममल ने अपनी कमवताओं में पुराने शब्दों और मुहावरों को नये प्रतीक , मबम्ब और अथों में व्यक्त मकया है । धूममल का काव्य उन पररमस्थमतयों की उपज हैं जो सातवें दशक से शुरू होती हैं और यह भयावह पररमस्थमतयाँ है- 1962 में हुआ भारत-चीन का सीमा व्यापी अकाल , 1965 में हुआ भारत-पाक का युद्ध , 1967 में हुआ भार्षाई आंदोलन , 1967 में हुआ आम चुनाव में कु छ राजनीमतक पररवतान , राजनीमत अमस्थरता और नक्सली क्रांमत का मवस्फोट एवं आमथाक और सामामजक संकट आमद । अपनी समकालीन पररवेश की जमटल और भयावह
पररमस्थमतयों को उन्होंने न के वल अपनी कमवताओं का मवर्षय बनाया बमल्क उन्हें मजया भी है । कथनी और करनी की समानता ही उन्हें मवमशसे बनाये रखे हैं और यही उनकी प्रासंमगकता भी है ।
िंप क – सििाल कु मार सिंह , िोध छाि , सहंदी सिभाग , अंग्रेजी एिं सिदेिी भाषा सिश्वसिद्यालय , हैदराबाद -500 007 , मो . नं . - 9441376867 , Mail IDvishalhcu @ gmail . com
िंदभक िूची-
1 . महंदी सामहत्य का इमतहास , माधव सोनटक्के , पृष्ठ- 404 से उद्धृत
2 . संसद से सड़क तक , ( मुनामसब काररवाही ), धूममल , पृष्ठ-85
3 . संसद से सड़क तक , ( बीस साल बाद कमवता से ), धूममल , पृष्ठ-10
4 . वही , ( मोचीराम कमवता से ), पृष्ठ- 37
5 . संसद से सड़क तक , ( मोचीराम कमवता से ), धूममल , पृष्ठ-37
6 . संसद से सड़क तक , ( मोचीराम कमवता से ), धूममल , पृष्ठ-38
7 . वही , पृष्ठ-37
8 . संसद से सड़क तक , ( मोचीराम कमवता से ), धूममल , पृष्ठ-40
9 . वही , पृष्ठ-41
10 . संसद से सड़क तक , ( प्रौढ़ मशक्षा कमवता से ), धूममल , पृष्ठ-46
11 . संसद से सड़क तक , ( प्रौढ़ मशक्षा कमवता से ), धूममल , पृष्ठ-48
12 . संसद से सड़क तक , ( मकान कमवता से ), धूममल , पृष्ठ-49
Vol . 3 , issue 27-29 , July-September 2017 . वर्ष 3 , अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017