Jankriti International Magazine Jankriti Issue 27-29, july-spetember 2017 | Page 234

Jankriti International Magazine / जनकृ सत अंतरराष्ट्रीय पसिका ISSN : 2454-2725
उठाएंगे । वह सारे शहर को पोस्टरों से पाट देंगे । धारा 144 हटते ही भार्षिबाजी पर आजाएंगे । संसद में शोर मचेगा । पर सरकार भी तो कच्ची गोमलयां नहीं खाई हुई । मुख्य मवपक्षी नेता को उसी मदन मकसी डेमलगेशन का अध्यक्ष बनाकर मवदेश भेज मदया गया और उसी मदन इस बात को ज़ोर- शोर से प्रसाररत मकया गया मक सरकार मकतना मनष्ट्पक्ष है ।’ 8
की शमा ढकने के मलए , उसके नंगे बदन पर साफ़- सुथरी धोती डालने के मलए , उसकी नाक न कटे , वह बेशमा न बने इसमलए चुनाव होते है परन्तु चुनावों में लाठी , तमंचे , धन और गु ंडामगरी का प्रयोग मकया जाता है । इस सब के बल पर चुनाव जीते जाते है । योमगता को कोई दो टके के मलए नहीं पूछता । इस प्रकार नंगे प्रजातंत्र की शमा ढकने के मलए , जनता की
जहाँ श्रीलाल शुक्ल ने अपने उपन्यास ‘ राग
आँखों में धूल झोंककर चुनाव का नाटक रचा जाता
दरबारी ’ में वैद्यजी के माध्यम से स्वातंत्र्योतर काल में
है । नेता मकस प्रकार से चुनाव लड़ते है और जीतते है ,
पैदा हुए नेताओंका प्रमतमनमध एवं यथाथा मचत्र खींचा
कै सी- कै सी चाले चलते है । एक दूसरे को नीचा
है , वही ँडॉ . गुरचरि मसंह ने अपने उपन्यास ‘ नागपवा ’
मदखाने के मलए वह कु छ भी कर सकते है । उनके
में बड़े भैया के माध्यम से वतामान राजनीमतज्ञों के
चहरों पर अनेक मुखौटे है । ऊपर से सीधे- सरल
कु मत्सत चेहरे का मचत्र खींचा है । वैद्यजी और बड़े
जनता के महतैर्षी लगने वाले ये नेता अन्दर से मकतने
भैया की राजनीमत भारत की आधुमनक राजनीमत का
काइयां तथा मगरे हुए होते है इसका मचत्रि ‘ नागपवा ’
प्रमतमनमधत्व करती है । युग की राजनीमतक पररमस्थमत
उपन्यास में गुरचरि मसंह ने बड़ी सहजता से मकया है
को प्रभावी ढंग से मचमत्रत करने में दोनों लेखकों को
। ‘ नेताजी जानते है गांधीजी के आदशों का , उनके
गजब की सफलता ममली है ।
मवचारों का मुखौटा पहनकर ही वे अपनी पाटी के
मलए वोट बटोर सकते हैं । उन्हें बड़ी ख़ुशी होती है
प्रजातंत्र का मूल स्वर है- सरकार जनता की ,
जनता द्वारा तथा जनता के मलए । अथाात् शासन और
जब वह देखते है सभी नेता गांधीजी के मुखौटे को
पहनने के मलए उतावले हैं । प्रत्येक नेता के घर में गाँधी
प्रशासन में जनता की भागेदारी और इसका माध्यम है
है ।’ 9
चुनाव । श्रीलाल शुक्ल ने कॉलेज , कोआपरेमटव
यूमनयन तथा ग्राम पंचायत तीनों में होने वाले चुनाव
बड़े भैया नेता है , देश के मवत्तमंत्री है । उनमें
मदखा कर बता मदया है मक अव्वल तो चुनाव होते ही
सामदाम दंड भेद के सारे चोंचले अपना मसर उठाये
नहीं , जहाँ तक संभव है उन्हें टाला जाता है । प्रजातंत्र
सत्ता की रक्षा के मलए सचेत है । उनकी शतरंजी चाल
Vol . 3 , issue 27-29 , July-September 2017 .
वर्ष 3 , अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017