Jankriti International Magazine Jankriti Issue 27-29, july-spetember 2017 | Page 184

Jankriti International Magazine / जनकृ सत अंतरराष्ट्रीय पसिका ISSN : 2454-2725
बेहतर मक्रयान्वयन हेतु प्रमशक्षि एवं जन-जागरूकता कायाक्रम का आयोजन मकया जाना आवश्यक है । इस क्रम में सरकार , ग़ैर-सरकारी संगठन व मजला बाल संरक्षि समममत के बीच बेहतर समन्वय एवं समुदाय आधाररत कायाक्रम के माध्यम से ग्राम बाल संरक्षि समममत की प्रभावी मक्रयान्वयन को महत्व मदया जा सकता है ।
प्रस्तािना
आज के बच्चे कल के भमवष्ट्य है यह कहावत भले ही पुरानी हो गई हो लेमकन आज भी प्रासंमगक है । भारत में मवश्व के 19 प्रमतशत बच्चे रहते हैं , मजसमें 0 से 14 वर्षा के बच्चे , देश की कु ल जनसंख्या का एक मतहाई महस्सा है । प्रत्येक बच्चा मजसे फलने-फू लने के मलए अनुकू ल वातावरि ममलता है वह जीवन के सभी क्षेत्रों में सफल हो सकता है । बच्चे का जीवन-काल में जीमवत बचे रहना , उसका मवकास और संरक्षि का पररिाम है । बच्चे के अमस्तत्व की रक्षा के मलए सुरमक्षत और मबना मकसी भेदभाव वाले वातावरि में जन्म लेने का बुमनयादी अमधकार है । एक ओर कु पोर्षि और उससे होने वाली शारीररक अक्षमताओं में कमी लाना तथा मशक्षा के क्षेत्र में बच्चों को पाठशालाओं में भती कराना , उन्हें पाठशालाओं में पढ़ने व प्रोत्सामहत करने के मलए मवमभन्न कल्यािकारी योजनाएं प्रभावी रूप से मक्रयामन्वत हैं ।
लेमकन सबसे बड़ा सवाल है मक बच्चों में बढ़ रही महंसा , शोर्षि , दुव्यावहार व अन्य कु कृ त्य जैसे जीवनदायी पक्ष के मलए कोई मवमशसे नीमत-मनयोजन हैं ..? बच्चों के संरक्षि और उनकी स्वतंत्रता तथा सम्मान के महत्व के बारे में सभी मनकाय व आमजन एकमत हैं ..? इस पररप्रेक्ष्य में भारतीय संमवधान में बाल अमधकार , संरक्षि व स्वतंत्रता संबंमधत उपबंध मवमशसे रूप में उल्लेमखत है । बावजूद इसके आज़ादी के बाद भी बच्चों के अमधकारों का घोर उल्लंघन हो रहा है । ‘ नेशनल क्राइम ब्यूरो की जानकारी के अनुसार 96 हजार बच्चे देशभर में हर साल लापता हो रहे हैं मजसमें से 70 प्रमतशत बच्चे 12 से 18 आयु वगा के हैं ।’ ( सारस्वत , 2012 ) इस प्रकार देश के मवमभन्न महस्सों से बच्चों का गायब होना मकसी संगमठत अपराध की ओर इशारा करता है । मजसे वेश्यावृमत्त , बाल अपराध , व बालश्रम जैसे अनेक कृ त्यों के रूप में देखते हैं । ‘ यूमनसेफ के अनुसार देशभर में 20 प्रमतशत माता-मपता गरीबी के चलते अपनी बेमटयों को बेच देते हैं । मध्य प्रदेश , राजस्थान , के रल व आंध्र प्रदेश ऐसे राज्य हैं जहां 60 प्रमतशत लड़मकयों का सौदा होता है ।’ ( कान्त , 2012 ) इस प्रकार अनेक सामामजक-आमथाक कारि जो बच्चों के अमधकार व संरक्षि के मलए सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है ।
Vol . 3 , issue 27-29 , July-September 2017 . वर्ष 3 , अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017