Jankriti International Magazine Jankriti Issue 27-29, july-spetember 2017 | Page 164

Jankriti International Magazine / जनकृ सत अंतरराष्ट्रीय पसिका ISSN : 2454-2725
उजागर करती है , मजसके मलए अपनी मजंदगी और महत्वाकांक्षाएँ इतनी जरूरी है मक वह अपने पमत सूरज को धोखा दे रमव से संबंध बनाती है । इस प्रकार वतामान समय की ऐसी अनेक कहामनयाँ है जो स्त्री- स्वतंत्रता व स्त्री-मुमक्त के नाम पर उच्छृंखल होती मस्त्रयों के रूपों को उजागर करती है ।
सारांशतः हम कह सकते हैं मक 21वीं सदी की महंदी कहामनयां वतामान स्त्री के बदलते मवमभन्न रंगों को प्रस्तुत करती है । एक ओर वतामान महंदी कहामनयां मस्त्रयों के सशक्त होते मवमभन्न प्रमतरूपों को उद्घामटत करती हैं तो वहीं दूसरी ओर उसके पथ-भ्रसे होते रूपों को भी पेश करती हैं ।
6 . जैममनी अंजु दुआ , सीली दीवार ( कहानी संग्रह ), वर्षा ( 2002 ), अनुभव प्रकाशन , सामहबाबाद
7 . शमाा गोपालकृ ष्ट्ि ‘ मफरोजपूरी ’, मोम के ररश्ते ( कहानी संग्रह ), वर्षा ( 2011 ), कल्पना प्रकाशन , मदल्ली
िंदभक-ग्रंथ िूची
1 . डॉ ॰ यादव वीरेंद्र मसंह , महंदी कथा सामहत्य में पाररवाररक मवघटन , वर्षा ( 2010 ), नमन प्रकाशन , नई मदल्ली
2 . डॉ ॰ ममश्र रवीन्द्रनाथ , इक्कीसवीं सदी का महन्दी सामहत्य : समय , समाज और संवेदना , वर्षा ( 2011 ), लोकभारती प्रकाशन , इलाहाबाद
3 . शम ा यादवेंद्र ‘ चंद्र ’, वाह मकन्नी , वाह ( कहानी संग्रह ), वर्षा ( 2009 ), वािी प्रकाशन , नई मदल्ली
4 . अनीता गोपेश , मकत्ता पानी ( कहानी संग्रह ), वर्षा ( 2009 ), भारतीय ज्ञानपीठ , नई मदल्ली
5 . जैममनी अंजु दुआ , क्या गुनाह मकया ( कहानी संग्रह ), वर्षा ( 2007 ), कल्यािी मशक्षा पररर्षद , नई मदल्ली
Vol . 3 , issue 27-29 , July-September 2017 . वर्ष 3 , अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017