Jankriti International Magazine Jankriti Issue 27-29, july-spetember 2017 | Page 137

Jankriti International Magazine / जनकृ सत अंतरराष्ट्रीय पसिका ISSN : 2454-2725
की समस्या , बँधुआ मजदूरी की समस्या , नशेबाजी की समस्या , स्त्री-शोर्षि की समस्या , अमशक्षा की समस्या , बेरोजगारी की समस्या , मवस्थापन और पुनवाास की समस्या , पलायन की समस्या , यूमनयनों द्वारा आमदवासी मजदूरों के शोर्षि की समस्या और राजनैमतक नेतृत्व के दमन की समस्या आमद । इन आमद समस्याओं का मचत्रि ‘ नवं लुगडं ’ कहानी संग्रह में भी देखने को ममलता हैं । ‘ मुठभर हुरडा आमि ओंजलभर रक्त ’ कहानी दररद्रता के मखलाफ लड़ने वाले आमदवासी पररवार की है । कहानी में भूख़ की असहनीय पीड़ा , ददा की वेदना को एक आमदवासी पररवार के माध्यम से मदखाया गया है जो चार मदन से भूख़ की पीड़ा झेल रही हैं । खेत में चारों और ज्वार की फसल है । मकसी की महम्मत नहीं हो पाती मक खेत से ज्वार का एक बुट्टा लाकर अपने पेट की वेदना को ममटा सके , लेमकन चार मदन से खाली पेट होने के कारि भूख़ की पीड़ा असह्य होने की वजह से एक आमदवासी ममहला जमींदार से नजरें चुरायें ज्वार का एक बुट्टा घर ले आती है । जमींदार को जब पता चला तो वो उसके घर जाता है । जमींदार उस ममहला के सीर पर पत्थर मारता है और उस ममहला के सर से खून बहने लगता है । एक मनवाले को बत्तीस बार चबाना पड़ता है और बत्तीस मनवाले खाने के बाद एक बू ंद खून बनता है । उस स्त्री को अंजुलभर खून बहाकर मुिीभर ज्वार की मकमत चुकानी पड़ती है । “ आमदवासी अपने क्षेत्र से बाहर रोटी की तलाश में पलायन कर जाते हैं ... अमशक्षा के चलते आमदवामसयों में आत्ममवश्वास की भारी कमी होती है और आत्ममवश्वास के अभाव में ये पुमलस में भी अपनी मशकायत दजा नहीं करवा पाते हैं ।” 2 देश की संपमत्त पर यहाँ के नेता अमधकार जमाये बैठे हैं और देश के अब्जों रुपये हड़प ले जाते हैं । उन्हें इस देश में सम्मान का दजाा मदया जाता है तो पेट की भूख़ ममटाने के मलए ज्वार का बुट्टा चुरानेवाले को चोर कहा जाता
है । मुट्टीभर ज्वार चुरानेवाले को खून बहाने की मशक्षा ममलती है तो देश के अब्जों रुपयों का घोटाला करने वाले देशद्रोही को कोन-सी मशक्षा देनी चामहए ?
‘ हत्या एका मनष्ट्पाप पारमधनीची ’ कहानी में वास्तमवक मस्थमत एवं मानव समाज में घमटत सच्ची घटनाओंको मदखाया है जो मनुष्ट्यता एवं मानव ह्रदय को झकझोरती है । वासना में डूबे नराधम के हाथों से घमटत अमानवीय कृ त्य को इस कहानी में उजागर मकया गया है । सत्ता और पैसों की अमीरी के कारि शराब में डूबे सविा लोगों द्वारा मकया गया घृिास्पद कृ त्य को मदखाया है । नराधम को मजस तरुिी का उपभोग करना था , उसके घर में उसकी सास भी थी । रात के अंधेरे में वह उसके घर पहुँचता है । बुमढ़या सो रही थी । बुमढ़या जाग जाएगी तो अपना उद्देश्य साध्य नहीं होगा । इसमलए नराधम उसकी नींदों में ही हत्या कर देता है । मफर उस तरुिी का बलात्कार करता है । नराधम के वासना की भूख के कारि एक सामान्य पारधी ममहला की हत्या हो गयी । तरुिी पर ही झूठे आरोप लगाकर जेल में बंद मकया जाता है । कोटा- कचहरी में ठोस गवाह पेश करने के बावजूद भी अपराधी को मनदोर्ष करार देते हुए बाइज्जत बरी कर मदया जाता है । स्त्री-शोर्षि आमदवासी समाज की एक भयानक समस्या है । “ आमदवासी मस्त्रयों के शोर्षि की समस्या इस समाज की एक गंभीर समस्या है । जब से बाहरी लोगों के साथ इनके संपका बढ़े , तब से इस शोर्षि में भारी बढ़ोतरी हुई क्योंमक जमीन के साथ ज्यादा आकर्षाि की चीज आमदवासी मस्त्रयाँ ही थीं ।” 3 कहानी में राजनीती , पुमलस-प्रशासन और न्यायव्यवस्था के माध्यम से मनम्नजामतयों के लोगों पर होने वाले अत्याचार और शोर्षि को मदखाया है । मनरपरामधयों पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें जेल में बंद मकया जाता है । इनका अपराध के वल आमदवासी और जामत से पारधी होना ही है । समाज में इन
Vol . 3 , issue 27-29 , July-September 2017 . वर्ष 3 , अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017